भारत में कंप्यूटर का आविष्कार और विकास



भारत में कंप्यूटर का इतिहास और इसका विकास एक दिलचस्प यात्रा है। हालांकि, कंप्यूटर का मूल आविष्कार भारत में नहीं हुआ था, लेकिन इसका उपयोग, विकास और अनुकूलन भारतीय तकनीकी और सामाजिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना। कंप्यूटर का आविष्कार 20वीं सदी के मध्य में हुआ, और इसके भारत में आने और विकसित होने का श्रेय कई वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सरकार की तकनीकी नीतियों को जाता है।

कंप्यूटर का आरंभिक विकास

कंप्यूटर का आविष्कार मूल रूप से 1940 के दशक में हुआ। पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर, ENIAC, अमेरिका में विकसित किया गया था। उस समय कंप्यूटर बहुत बड़े और महंगे थे। 1950 और 1960 के दशक में, ये मुख्य रूप से सरकारी और सैन्य परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।

भारत में कंप्यूटर का आगमन 1955 में हुआ, जब भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI), कोलकाता ने भारत का पहला कंप्यूटर, हॉलेरिथ मशीन, आयात किया। यह मशीन डेटा प्रोसेसिंग और गणना के लिए इस्तेमाल की जाती थी। इसके बाद, 1956 में, भारत ने पहला आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर, HEC-2M, कोलकाता में स्थापित किया।

1960 का दशक: कंप्यूटर शिक्षा और अनुसंधान

1960 के दशक में भारत ने कंप्यूटर प्रौद्योगिकी को समझने और इसे आत्मसात करने के प्रयास तेज कर दिए। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और अन्य प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स पर जोर दिया गया।

1966 में, भारत ने पहला कंप्यूटर आधारित संस्थान, Tata Institute of Fundamental Research (TIFR) में स्थापित किया। यहां वैज्ञानिकों ने भारत के पहले स्वदेशी कंप्यूटर, TIFRAC (Tata Institute of Fundamental Research Automatic Calculator), का निर्माण किया। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित कंप्यूटर था

1970 का दशक: स्वदेशीकरण और सस्ती तकनीक का विकास

1970 के दशक में भारत ने कंप्यूटर तकनीक को और अधिक स्वदेशी बनाने के लिए कदम उठाए। उस समय, कंप्यूटरों की लागत बहुत अधिक थी और इन्हें आयात करना महंगा पड़ता था। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए Department of Electronics (DOE) की स्थापना की।

ECIL (Electronics Corporation of India Limited) और Bharat Electronics Limited (BEL) जैसे संगठनों ने सस्ती और स्थानीय स्तर पर बनाए गए कंप्यूटरों का उत्पादन शुरू किया। इस दशक में भारत ने बड़े पैमाने पर अनुसंधान और विकास में निवेश किया, जिससे कंप्यूटर तकनीक धीरे-धीरे आम लोगों तक पहुंचने लगी।

1980 का दशक: सूचना प्रौद्योगिकी का उदय

1980 का दशक भारत में कंप्यूटर क्रांति का युग था। इस दशक में माइक्रोप्रोसेसर आधारित कंप्यूटर और पर्सनल कंप्यूटर (PC) का विकास हुआ। भारत में राजीव गांधी सरकार ने कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू कीं।

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की स्थापना 1976 में हुई, लेकिन इसका प्रभाव 1980 के दशक में अधिक देखने को मिला। NIC ने देश के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर नेटवर्किंग की शुरुआत की। इसके अलावा, Software Technology Parks of India (STPI) जैसे संस्थान बनाए गए, जिन्होंने सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा दिया।

1990 का दशक: उदारीकरण और आईटी उद्योग का विकास

1991 में भारत में आर्थिक उदारीकरण के बाद कंप्यूटर और आईटी उद्योग ने अभूतपूर्व विकास किया। विदेशी कंपनियां भारतीय बाजार में प्रवेश करने लगीं, और भारत ने कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के उत्पादन में तेजी से प्रगति की।


इसी समय, Infosys, TCS (Tata Consultancy Services), और Wipro जैसी भारतीय आईटी कंपनियों ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की। कंप्यूटर का उपयोग न केवल सरकारी और बड़े उद्योगों तक सीमित रहा, बल्कि यह शिक्षा, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया।

2000 के दशक और वर्तमान

2000 के दशक में भारत ने आईटी और कंप्यूटर तकनीक में वैश्विक नेता बनने की दिशा में कदम बढ़ाए। इंटरनेट और डिजिटलाइजेशन के साथ, कंप्यूटर का उपयोग घर-घर तक पहुंच गया।


आज भारत में सुपरकंप्यूटर से लेकर स्मार्टफोन तक, हर क्षेत्र में कंप्यूटर तकनीक का उपयोग हो रहा है। सी-डैक (C-DAC) ने कई सुपरकंप्यूटर विकसित किए, जैसे कि परम श्रृंखला। भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल ने ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ावा दिया।

निष्कर्ष

भारत में कंप्यूटर का आविष्कार भले ही न हुआ हो, लेकिन इसे अपनाने और इसके विकास में देश ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। भारत के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और नीति निर्माताओं ने कंप्यूटर प्रौद्योगिकी को देश की जरूरतों के अनुकूल बनाया और इसे शिक्षा, उद्योग और समाज के हर क्षेत्र में सफलतापूर्वक लागू किया। आज भारत न केवल कंप्यूटर तकनीक का उपयोग कर रहा है, बल्कि इसके विकास में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

Post a Comment

0 Comments